6.What is the role of share market in India and in Indian economy?

6.शेयर बाजार का भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या योगदान हैं ?

विश्व के किसी भी देश की अर्थव्यवस्था इस आधार पर टिकी रहती हैं, की उस देश में मांग और पूर्ति का अनुपात संतुलित हैं या नहीं, आज भारतीय अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही हैं उसमें  सभी वर्गों का योगदान हैं, लेकिन उधोग/व्यापार  सभी वर्गों की जड़ हैं | क्यों की उधोग / व्यापार बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं ,जिससे देश में निचले स्तर की श्रम शक्ति को मजबूती मिलती हैं और जब भी कोई देश या देश की अर्थव्यवस्था निचले स्तर से मजबूत होने लग जाती तो ऊपरी स्तर पर स्वतः ही मजबूती मिल जाती हैं |

लेकिन कोई भी व्यवसाय सीमित पूंजी के साथ बड़ा व्यवसाय नहीं बन सकता हैं | किसी भी कंपनी को देश-विदेश में अपनी कार्य- प्रणाली को सुचारु रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होती ही हैं | अगर पूंजी जुटाने के लिए शेयर बाजार जैसे माध्यम ना हो तो कंपनी का व्यापार पर्याप्त पूंजी के बिना सीमित हो जाएगा | 

तो कुछ हद तक आप यह समझ चुके हैं, की किसी भी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में शेयर बाजार का क्या योगदान हैं | दोस्तों, दुनिया के प्रत्येक देश का एक वितीय लक्ष्य होता हैं ,और वो देश उस लक्ष्य को एक तय समय में  हासिल करना चाहता हैं |  वितीय लक्ष्य से मेरा मतलब हैं की प्रत्येक देश की सरकार को यह तय करना पड़ता हैं, की उस देश की अर्थव्यवस्था हर साल किस दर से प्रगति करेगी अर्थात आगे बढ़ेगी ?  उस लक्ष्य को साल दर साल जब वो देश हासिल करता हैं, तो साल दर साल उस देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती जाएगी |

क्योंकि अर्थव्यवस्था ही यदि मजबूत नहीं होगी तो उस देश और देश के लोगों के सामने संकट पैदा हो जाएगा | संकट से मेरा तात्पर्य आर्थिक मंदी से हैं , जिसमें  रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं | मांग और पूर्ति का संतुलन बिगड़ जाता | महंगाई बढ़ जाती हैं | आसान शब्दों में समझा जाए तो यह एक कड़ी हैं जो आपस में जुड़ी हुई हैं, और  परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैं | हर अर्थव्यवस्था उधोग-धंधों/व्यापार पर टिकी रहती हैं,हर व्यापार पर्याप्त पूंजी से चलता हैं,और पूंजी शेयर बाजार जैसे माध्यमों  से जुटायी जाती हैं |