7.शेयर बाजार का हमारे दैनिक जीवन में क्या प्रभाव पड़ता हैं ?
अगर बाहरी तौर पर देखा जाए तो एक आम आदमी जिसे शेयर बाजार की जानकारी नहीं हैं , तब उसे यही लगेगा की शेयर बाजार का उसके जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता हैं | लेकिन यदि आप गहराई से सोचेंगे तो शेयर बाजार का हमारे जीवन पर सीधा असर पड़ता हैं | कोई भी कंपनी पर्याप्त मात्रा में उत्पादन तभी कर पाएगी जब उसके पास पर्याप्त मात्रा में पूंजी हो, और यदि पर्याप्त उत्पादन नहीं होगा तो आम जीवन में हमारी जरूरतें पूरी नहीं हो पाएगी |
साथ ही शेयर बाजार जैसे माध्यम से अगर कंपनी पूंजी नहीं जुटाएगी , तो रोजगार के अवसरों में भी कमी आएगी, और कोई भी अर्थव्यवस्था चाहे वो विकासशील हो या विकसित उसकी गति को विराम लग जाएगा | उदाहरण के तौर पर यदि कोई कंपनी नैचूरल गैस एण्ड ऑयल के क्षेत्र में व्यापार करती हैं,और पूंजी की कमी की वजह से यदि पर्याप्त उत्पादन में कमी आ जाए, तो इसका सीधा असर उस कंपनी के उपभोक्ताओ पर ही पड़ेगा |
एक सामान्य उदाहरण के तौर पर यदि आपके आस-पास कोई किराना स्टोर हैं , और उस व्यापारी की उधारी बढ़ने के कारण उसकी पूंजी में कमी हो गई , परिणामस्वरूप वह व्यापारी नया सामान दोबारा बेचने के लिए खरीद नहीं पा रहा हैं | अब देखा जाए तो आपके जीवन पर तब तक तो कोई असर नहीं पड़ेगा जब तक आपको जरूरत के सामान के लिए उस किराना स्टोर पर नहीं जाना , लेकिन जब आप स्टोर पर जाते हैं और अपनी जरूरत का सामना वहाँ नहीं मिलता तो आपको असुविधा का सामना करना ही पड़ेगा |
अतः जब भी किसी कंपनी की वस्तु और सेवा में पूंजी की कमी के कारण कमी आयेगी, तो उसका असर उसके सभी उपभोक्ताओं पर पड़ता हैं |