2. What is the difference between Investing and trading in share market ?

2.शेयर बाजार में  Investment और Trading में क्या अंतर हैं ?

जब भी कोई व्यक्ति शेयर बाजार में आता हैं तो उस व्यक्ति को यह तय करना पड़ता हैं की वह शेयर बाजार में क्या करना चाहता हैं ? अब जैसे की आप जान चुके हैं शेयर बाजार क्या हैं ? और यह कैसे काम करता हैं ? तो आपको यह भी जानना जरूरी हैं की Investment ( निवेश ) और Trading (व्यापार) में  क्या अंतर हैं ?

सामान्य शब्दों में  कहा जाए तो शेयर बाजार एक निवेश बाजार हैं , जब आप किसी कंपनी के व्यापार में  अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं तो नफा – नुकसान आपको उसी अनुपात में  मिलेगा जिस अनुपात में  आपका खरीदा हुआ शेयर ऊपर या नीचे जाता हैं | अब मान लीजिए की आपके शेयर खरीदने के बाद उस कंपनी का शेयर 5 % ऊपर जाता हैं, तो आपको लाभ होगा | यदि आपने 1,00,000 रुपए के शेयर खरीदे हैं, तो आपको 5% के हिसाब से 5000 रुपए का लाभ होगा और यदि आपने ने 10,000 रुपए के शेयर खरीदे हैं, तो 5% के हिसाब से आपको 500 रुपए  का ही लाभ होगा | समझने के लिए  यह बहुत ही सामान्य बात हैं |

Investment

Investment  (निवेश ) वो हैं,जो किसी कंपनी के व्यावसायिक भविष्य को देखकर ही किया जाता हैं | जैसे मान लीजिए किसी कंपनी का पिछले 10 सालों का इतिहास यह हैं ,की उस कंपनी ने बहुत ही बढ़िया व्यवसाय किया हैं | साल दर साल उस कंपनी ने एक निश्चित दर से अपने व्यापार को बढ़ाया भी हैं,और कंपनी साल दर साल अपने लाभ में  भी बढ़ोतरी करती जा रही हैं | तो कोई व्यक्ति ऐसी कंपनी के व्यवसाय में  अपनी हिस्सेदारी खरीद सकता हैं ,और लंबे समय के लिए अपनी पूंजी को निवेश कर सकता हैं | जिसका प्रतिफल उस व्यक्ति को  कुछ सालों बाद मिलेगा |

निवेश करने के बाद किसी कंपनी के शेयर को लंबे समय तक यदि कोई व्यक्ति अपने पास रखता हैं ,तो कंपनियाँ उस व्यक्ति को कई अन्य तरह के फायदे भी देती हैं | जैसे :- बोनस शेयर, अर्थात जीतने शेयर आपके पास हैं, कंपनी उतने शेयर आपको ओर दे देती हैं | लाभांश (Dividend) भी कंपनियाँ अपने निवेशकों को  देती हैं जिसका मतलब हैं, कंपनी जब लाभ कमाती हैं तो उस लाभ का कुछ अंश /हिस्सा प्रति शेयर के हिसाब से निवेशकों को लाभ के रूप में दे देती हैं |

यहाँ पर एक बात और महत्वपूर्ण हैं की जब भी आप किसी कंपनी में  निवेश करते हैं तो आपको लाभ प्रतिशत के रूप में  मिलता हैं | जैसे आप किसी कंपनी में  निवेश करते हैं और 15 से 20 प्रतिशत का लाभ एक साल में  चाहते हैं, तो कभी-कभार ये लाभ आपको 4 अथवा 5 महीनों में  ही मिल सकता हैं , तो अब ये आप पर निर्भर हैं की आप उस कंपनी के शेयर बेच दे या उस कंपनी के शेयर अपने पास रखे |

इसी पुस्तक के Fundamental analysis section में  हम इन सब बातों पर ओर चर्चा करेंगे | Risk management के अध्याय में हम यह भी सीखेंगे की किसी भी कंपनी के शेयर को कब तक अपने पास रखना हैं ? और किस प्रकार खरीदे हुए शेयरों का प्रबंधन करना हैं ?

Trading

Trading  एक अंग्रेजी भाषा का शब्द हैं जिसका सामान्य मतलब होता हैं ‘व्यापार’ | देखिए शेयर बाजार एक ऐसी जगह हैं, जहाँ उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं और हर कंपनी के शेयर का एक भाव या मूल्य होता हैं, जो कम समय में  कभी ऊपर जाता हैं और कभी नीचे जाता हैं | यदि कोई भी व्यक्ति जो कम समय में  होने वाले उतार –चढ़ाव को भली भांति समझता हैं,तो वह चाहे तो किसी कंपनी के शेयर को 5 min. / 15 min. / 1 hour /4 hour /1 day /1 week के हिसाब से कम समय के लिए भी खरीद सकता हैं | अतः कम समय में लाभ कमाने के लिए शेयर बाजार में  Trading की जाती हैं |

Intraday Trading

 जब भी कोई व्यक्ति शेयर खरीदता हैं और उसी दिन उस शेयर में  लाभ हो या हानि हो , वापिस बेच देता है, तो यह trading, Intraday trading कहलाती हैं | जब व्यक्ति इस तरह की Intraday trading करता हैं, तो वो पहले से तय  करता हैं की उसको कितना लाभ कमाना है ? या कितनी हानि होने पर वह शेयर को वापिस बेच देगा ? 

                             Swing Trading

 जब भी कोई व्यक्ति शेयर खरीदता हैं और 15 से 20 दिनों के अंदर उस शेयर में लाभ हो या हानि हो , वापिस बेच देता हैं तो यह trading, swing trading  कहलाती हैं | जब व्यक्ति इस तरह की Swing trading करता हैं, तो वो पहले से तय करता हैं की उसको कितना लाभ कमाना है ? या कितनी हानि होने पर वह शेयर को वापिस बेच देगा ?

जैसे मान लीजिए  किसी ने SBI का शेयर 600 रुपए के मूल्य पर खरीदा हैं, तो वह पहले से तय करेगा की यदि शेयर ऊपर की तरफ जाता हैं तो वह 640 के मूल्य पर इसे बेच देगा | या उस व्यक्ति की अपेक्षा के अनुसार शेयर ऊपर नहीं जाकर नीचे जाता हैं, तो वह 580 के मूल्य पर इसे बेच देगा |

            शायद आप यही सोच रहे होंगे की यह सब मूल्य हम पहले से कैसे तय कर सकते हैं ? इसके लिए Technical analysis क्या होता हैं ? इसकी आपको समझ होनी ही चाहिये | यदि बिना Technical analysis को  समझे आप Swing trading / Intraday trading करेंगे तो वह Trading  नहीं Gambling (जुआ) कहलाएगी |

वर्तमान में शेयर बाजार में Trading करने का तरीका बदल चुका हैं | अब आप चाहे तो किसी कंपनी का शेयर खरीदने के बजाय उस कंपनी के Derivative segment में भी trading सकते हैं जिसके अंदर Future and option में trading की जाती हैं | और साथ ही आप Nifty and Bank nifty Index के Future And Option Segment में भी trading कर सकते हैं |

            मुझे उम्मीद हैं आप Investment और  Trading को समझ चुके होंगे लेकिन Technical analysis और Future and Option से आप अब भी अनजान हैं,तो चिंता मत कीजिए | इसी पुस्तक में  हम आगे इन सब विषयों पर इतनी ही सरलता से विचार – विमर्श करेंगे |